130वां संविधान संशोधन विधेयक, 2025
यदि ऐसा कोई व्यक्ति ऐसे अपराध के आरोप में निरंतर 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, जिसकी सजा 5 वर्ष या उससे अधिक है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा — भले ही उसे दोषी ठहराया न गया हो।
130वां संविधान संशोधन विधेयक, 2025
यह क्या प्रस्ताव करता है?
यह विधेयक प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों या मंत्रियों के लिए एक नया अपात्रता (अयोग्यता) प्रावधान प्रस्तुत करता है।
यदि ऐसा कोई व्यक्ति ऐसे अपराध के आरोप में निरंतर 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, जिसकी सजा 5 वर्ष या उससे अधिक है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा — भले ही उसे दोषी ठहराया न गया हो।
मुख्य विशेषताएं:
लागू होता है: केंद्र और राज्यों — दोनों पर
किस पर लागू: प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सभी केंद्रीय व राज्य स्तरीय मंत्री
हिरासत नियम:
यदि कोई मंत्री लगातार 30 दिन हिरासत में रहता है → पद से हटाना अनिवार्य
यदि बाद में बरी हो जाते हैं, तो वे राजनीति में वापसी कर सकते हैं (नए चुनाव या नियुक्ति के माध्यम से)
उद्देश्य:
गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे व्यक्तियों को उच्च कार्यकारी पदों पर बने रहने से रोकना
सार्वजनिक पदों में जवाबदेही और ईमानदारी को सशक्त बनाना
संवैधानिक संदर्भ:
वर्तमान में, अनुच्छेद 102 और 191 संसद/विधानसभा सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित हैं — और सिर्फ दोषसिद्धि (conviction) के आधार पर अयोग्यता होती है
यह संशोधन हिरासत (detention) को भी अयोग्यता का आधार बनाता है
परीक्षा दृष्टिकोण से:
अनुच्छेद 75(1) से जोड़ें — प्रधानमंत्री को लोकसभा का विश्वास प्राप्त होना चाहिए
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) से तुलना करें
वर्तमान में, धारा 8 के अंतर्गत अयोग्यता केवल दोषसिद्धि के बाद ही होती है