प्रमुख नारे एवं वचन
प्रमुख नारे एवं वचन
हिन्दू तथा मुसलमान एक सुन्दर वधु अर्थात् भारत की दो आंखे है- यह वाक्य सरसैय्यद अहमद खान ने बोले थे
हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान - भारतेन्दु हरिशचंद्र - सर्वप्रथम यह नारा प्रताप नारायण मिश्र ने दिया (प्रसिद्ध लेखक) बाद में यह भारतेन्दु युग के दौरान लोकप्रिय हुआ।
जय जवान जय किसान जय विज्ञान -अटल बिहारी बाजपेयी - 1998 में यह नारा दिया गया।
देश की पूजा ही राम की पूजा है - मदनलाल धींगरा - यह वाक्य 1909 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष करते हुए कहा गया।
जय जगत - विनोबा भावे - यह नारा भूदान आंदोलन के समय दिया गया यह नारा 1950 के दशक में झारखंड में भूदान यज्ञ के दौरान गूंजा था।
भारत वर्ष को तलवार के बल पर जीता गया और तलवार के बल पर ही ब्रिटेनी कब्जे में रखा जाएगा - लॉर्ड एल्गिन II - ने 1879 में कहां था जब वह ब्रिटिश महारानी के प्रतिनिधि थे।
हमने घुटने टेककर रोटी मांगी किन्तु उत्तर में हमें पत्थर मिलें- महात्मा गांधी - दांडी मार्च के दौरान 1930 में कहा।
इस विशाल देश में कोई प्रगति सम्भव नहीं जब तक हिन्दू तथा मुसलमान दोनों मिलकर एक ना हो जाए – यह नारा एम.जी. रानाडे ने दिया ।
राष्ट्रीयता एक धर्म है जो ईश्वर से प्राप्त होता है - यह वाक्य अरविंद घोष के द्वारा कहे गये थे।
इस विशाल देश में कोई प्रगति सम्भव नहीं जब तक हिन्दू तथा मुसलमान दोनों मिलकर एक ना हो जाए – यह नारा एम.जी. रानाडे ने दिया ।
हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान - भारतेन्दु हरिशचंद्र - सर्वप्रथम यह नारा प्रताप नारायण मिश्र ने दिया (प्रसिद्ध लेखक) बाद में यह भारतेन्दु युग के दौरान लोकप्रिय हुआ।