भारत की महत्वपूर्ण झीलें

भारत की महत्वपूर्ण झीलें: प्रकृति के अनमोल रत्न इस ब्लॉग में हम जानेंगे भारत की कुछ सबसे महत्वपूर्ण झीलों, उनके प्रकार और उनके महत्व के बारे में।

Jun 25, 2025 - 13:46
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भारत की महत्वपूर्ण झीलें: प्रकृति के अनमोल रत्न

भारत एक भौगोलिक विविधताओं से भरा देश है और इसकी सबसे सुंदर और पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण संपत्तियों में से एक है इसकी झीलें। हिमालय की ऊँचाई पर स्थित हिमनदीय झीलों से लेकर राजस्थान के खारे रेगिस्तानी बेसिनों और प्रायद्वीपीय भारत की मीठे पानी की बड़ी झीलों तक भारत में अनेक प्रकार की झीलें पाई जाती हैं जो पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे भारत की कुछ सबसे महत्वपूर्ण झीलों, उनके प्रकार और उनके महत्व के बारे में।

 

1. वुलर झील - जम्मू और कश्मीर

प्रकारः मीठे पानी की झील (टेक्टोनिक उत्पत्ति)

महत्वः एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक

स्थितिः झेलम नदी पर स्थित

उपयोगिताः प्राकृतिक बाढ़ जलाशय के रूप में कार्य करती है, मत्स्य पालन और जैव विविधता को समर्थन देती है

 

2. डल झील - जम्मू और कश्मीर

प्रकार: मीठे पानी की झील

प्रसिद्धिः शिकारा और हाउसबोट, प्राकृतिक सुंदरता

पर्यटनः श्रीनगर की प्रमुख पर्यटक आकर्षण

 

3. चिल्का झील - ओडिशा

प्रकारः खारा जल लैगून (तटीय झील)

महत्वः भारत की सबसे बड़ी तटीय लैगून और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी

जैव विविधताः प्रवासी पक्षियों और इरावदी डॉल्फ़िन का निवास

रामसर साइटः अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्राप्त

 

4. वेम्बनाड झील - केरल

प्रकारः खारा जल लैगून

महत्वः भारत की सबसे लंबी झील

पर्यटनः बैकवाटर और हाउसबोट क्रूज़ के लिए प्रसिद्ध

त्योहार: नेहरू ट्रॉफी बोट रेस का आयोजन यहीं होता है

 

5. लोकटक झील - मणिपुर

प्रकार: मीठे पानी की झील

विशेषताः फ्लोटिंग फुमदी (वनस्पति टापू)

केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यानः दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान यहीं स्थित है

 

6. सम्भर झील - राजस्थान

प्रकारः खारी पानी की झील (आंतरिक अपवाह)

महत्वः भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय नमक झील

आर्थिक उपयोगः नमक उत्पादन का प्रमुख स्रोत

 

7. पुलिकट झील - आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु

प्रकारः खारा जल लैगून

महत्वः भारत की दूसरी सबसे बड़ी लैगून

वन्यजीव अभयारण्यः फ्लेमिंगो और अन्य प्रवासी पक्षियों का निवास

 

8. पैंगोंग झील - लद्दाख

प्रकारः एंडोरेइक झील (कोई बाहरी प्रवाह नहीं)

विशेषताः चीन तक फैली है, रंग बदलने के लिए प्रसिद्ध

ऊँचाई: लगभग 4,350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित

 

9. त्सो मोरिरी झील - लद्दाख

प्रकारः ऊँचाई वाली मीठे पानी की झील

स्थितिः चांगथांग पठार, लद्दाख

महत्वः रामसर साइट; काले गर्दन वाले क्रेन जैसे प्रवासी पक्षियों का निवास

पर्यटनः शांत वातावरण, बर्फीली पहाड़ियों से घिरी

 

10. नैनी झील - उत्तराखंड

प्रकारः प्राकृतिक मीठे पानी की झील

पर्यटनः नैनीताल शहर का हृदय, सुंदर पहाड़ियों से घिरी हुई

 

भारत में झीलों का वर्गीकरण

 

भारत में झीलों को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

मीठे पानी की झीलें - जैसे वुलर, डल, नैनी, त्सो मोरिरी

खारा पानी/लैगून झीलें - जैसे चिल्का, वेम्बनाड, पुलिकट

नमक झीलें - जैसे सम्भर

हिमनदीय झीलें - जैसे पैंगोंग, त्सो मोरिरी -

कृत्रिम झीलें - जैसे गोविंद सागर, नागार्जुन सागर

 

भारत में झीलों का महत्व

 

जल संचयन और सिंचाई के लिए स्रोत

पीने के पानी का स्रोत

पर्यटन और रोजगार

जैव विविधता केंद्र

जलवायु संतुलन में योगदान

 

निष्कर्ष

भारत की झीलें केवल सुंदर प्राकृतिक स्थल नहीं हैं वे जीवनदायिनी पारिस्थितिक तंत्र, सांस्कृतिक केंद्र और आर्थिक संसाधन भी हैं। इनका संरक्षण विकास और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

आपने इनमें से कौन सी झील देखी है या देखना चाहते हैं? नीचे कमेंट में बताइए!