सिख धर्म दुनिया का 5वां सबसे बड़ा धर्म है।
सिख - इस धर्म की स्थापना भारत में हुई इस धर्म के संस्थापक गुरूनानक जी को माना जाता है यह धर्म पंद्रवी शताब्दी में गुरूनानक देव जी द्वारा स्थापित एक धर्म है यह एकेश्वरवादी धर्म है जिसे बाहेगुरू साहब कहा जाता है। जिसका अर्थ है सिख एक ईश्वर में विश्वास रखते है सिख धर्म के 10 गुरू है जिन्होंने सिख धर्म की शिक्षाओं को स्थापित किया सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ गुरूग्रंथ साहिब है सिख धर्म समानताओं में विश्वास रखता है और जाति वर्ग, लिंग, या रंग,के आधार पर किसी प्रकार के भेदभाव को अस्वीकार करता है। सिख धर्म में ईश्वर के नाम जपने को सिमरन कहा जाता है।
सिख धर्म के पांच प्रतीक है –
1. कैश (बिना कटे बाल)
2. कड़ा (एक स्टील का कंगन)
3. कृपाण (एक छोटी तलबार)
4. कंगा (एक कंगी)
5. कच्छा (एक विशेष प्रकार का अंडरवेयर)
सिख धर्म दुनिया का 5वां सबसे बड़ा धर्म है। सिखों के 10 गुरू निम्नुसार है
1. गुरूनानक देव
2. गुरू अंगतदेव
3. गुरू अमरदास
4. गुरू रामदास
5. गुरू अर्जन देव
6. गुरू हरिगोविंद
7. गुरू हरिराई
8. गुरू हरिकिशन
9. गुरू तेंगबहादुर
10. गुरू गोविंदसिंह
दुनिया की कुल आबादी में 0.3 प्रतिशत से 0.4 प्रतिशत तक सिख संप्रदाय के लोग निवास करते है। भारत में 1.72 प्रतिशत सिख धर्म को मानने वाले लोग है।